Friday, April 26, 2013

बहुत हो गया ..... अब सरेआम फांसी हो




''देख तेरे संसार की हालत क्‍या हो गई भगवान
कि‍तना बदल गया इंसान
सूरज न बदला चांद न बदला, न बदला रे आसमान
कि‍तना बदल गया इंसान''

कवि‍ प्रदीप की लि‍खी ये पंक्‍ति‍यां बरबस याद हो आई जब आज सुबह अख़बार देखा। शहर के डोरंडा दर्जी महल्‍ले में एक छह वर्षीया बच्‍ची की बलात्‍कार के बार हत्‍या, लालपुर में पांच वर्ष की लड़की से दुराचार का प्रयास और जामताड़ा में 13-14 वर्षीय दो लड़कि‍यों की रेप के बाद हत्‍या.... ....

क्‍या  हो गया है देश को....यहां रहने वाले लोगों को। कुछ महीने पहले जब दामि‍नी हत्‍याकांड हुआ, तमाम शोर-शराबों के बीच ये बात भी कही गई कि इन सब के लि‍ए लड़कि‍यों का खुलापन, मार्डन व तंग वस्‍त्र भी जि‍म्‍मेदार है। देर रात तक बाहर रहना, ये सब भी वजह बनती है इन वारदातों की।

मगर बताइए......दि‍ल्‍ली की पांच साल की गुड़ि‍या ने क्‍या पहना था, डोरंडा की छह वर्ष की मुस्‍कान ने क्‍या अदाएं दि‍खाईं होंगी या स्‍कूल जाती उन दो कि‍शोरि‍यों ने कैसे उकसाया होगा उन वहशी जानवरों को....

सिर्फ रांची जि‍ले में 24 घंटें में ऐसी तीन वीभत्‍स व शर्मनाक घटनाएं, झारखंड में चार माह में छोटी बच्‍ची के साथ दुष्‍कर्म की तीन घटनाएं... चार माह में कुल मि‍लाकर दुष्‍कर्म की 14 घटनाएं। पूरे देश का आंकड़ा अगर सामने आए तो हर हिंदुस्‍तान का सर शर्म से नीचा हो जाएगा।

और कि‍तना नैति‍क पतन होगा.....मातृ पूजा करने वाला ये देश......क्‍या अब हमारे गर्व के लायक रह गया है.....एक तो लड़कि‍यों का अनुपात वैसे भी कम है....अब इस हाल में खुद महि‍लाएं भी एक बेटी की मां होने में डरेंगी.....कि कैसे करेंगी वो बेटी की रक्षा।

अगर देश में बेटि‍यों को बचाना है....लिंग अनुपात सही करना है, सम्‍मान पूर्वक  जीवन देना है  तो  अब हम जैसे लोगों की यही मांग है कि सरकार ऐसे दोषि‍यों को  सरेआम फांसी दे या चौराहे पर पत्‍थरों से मार-मार कर बदला लेने का आम नागरि‍क को अधि‍कार दे......
अगर सरकार सख्‍त कदम नहीं उठाती तो नागरि‍क ही बगावत पर उतर आएंगे....ये तय है...बहुत हो गया अब.....खत्‍म करो ये यातना

तस्‍वीर--साभार गूगल


7 comments:

  1. कुछ विचार तो मेरा आपसे मिलता है .पढ़े मेरे ब्लॉग में
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post बे-शरम दरिंदें !
    latest post सजा कैसा हो ?

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  2. बढ़िया।
    बेबसी का ये मंजर

    लानत, शर्म का चुभता खंजर

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  3. ऐसा लगता है कि दुष्कर्म एक महामारी हो गया है,यह तो माननाही होगा कि अकेली सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती.सरकार और पुलिस को तो अपनी जिम्मेदारी निभानी ही होगी,लेकिन आम आदमी और समाज को भी जागरूक हो कर उनका साथ देना होगा.अब घर में ही ऐसे लोग यह कर्म करने लगे तो बचाव कैसे हो.इलाज एक यह भी है कि ऐसे लोगों को जनता सबक सीखा दे,उनका बहिष्कार किया जाये, परिवार का बहिष्कार किया जाये ,जिसने उसे ऐसे संस्कार दिए.हमें आस पास के माहोल में चोकस रहना होगा,यदि किसी भी महिला ,बच्ची के साथ ऐसी वारदात हो तो उसका बचाव करना होगा.पुलिस ऐसे केस को कमजोर न बनाये, जल्द से जल्द जाँच कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाये. दो चार फांसी पर चढ़ेंगे ओ शायद कुछ लोग डरें,और ऐसे अपराध कम हो सकें.

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  4. गणित के जादूगर
    श्रीनिवास रामानुजन को
    शत शत नमन
    उत्कृष्ट संग्रह

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  5. मार्मिक ..आखिर कब तक ..

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