रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Sunday, March 24, 2013
नादानी से......
बहला देते हैं आप हमें तो बड़ी आसानी से सच्ची-झूठी मिलाकर रोज इक नई कहानी से आपसे हैं प्यार इस खातिर जानकर भी हैं हम अंजान मारे जाएंगे देखना इक दिन हम अपनी इसी नादानी से तस्वीर--साभार गूगल
बहुत सुन्दर ... अभी इश्क है इसलिए हर झूठी बात भी सच्ची लगती है.. हर बहाने पर ऐतबार हो जाता है... बहुत ही सुन्दरता से इस सच को बताया है... अति सुन्दर... :-)
बहुत सुन्दर ... अभी इश्क है इसलिए हर झूठी बात भी सच्ची लगती है.. हर बहाने पर ऐतबार हो जाता है... बहुत ही सुन्दरता से इस सच को बताया है... अति सुन्दर... :-)
वाह :)
ReplyDeleteसुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति आभार आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें शख्सियत होने की सजा भुगत रहे संजय दत्त :बस अब और नहीं . .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
ReplyDeletegagar me sagar bhar diya aap ne,choti magar tej barik dhar.holi ki hardik badhayee ,sadar
ReplyDeletegagar me sagar bhar diya aap ne,choti magar tej barik dhar.holi ki hardik badhayee ,sadar
ReplyDeleteवाह ,,,बहुत ही सुंदर रचना,,,
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें!
Recent post: रंगों के दोहे ,आप ममरी
मानीवय अन्तर्सम्बन्ध पर गूढ़ दर्शनपरक पंक्तियां।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteअभी इश्क है इसलिए हर झूठी बात भी सच्ची लगती है..
हर बहाने पर ऐतबार हो जाता है...
बहुत ही सुन्दरता से इस सच को बताया है...
अति सुन्दर...
:-)
बहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteअभी इश्क है इसलिए हर झूठी बात भी सच्ची लगती है..
हर बहाने पर ऐतबार हो जाता है...
बहुत ही सुन्दरता से इस सच को बताया है...
अति सुन्दर...
:-)
bahur hi sundar prastuti
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