Saturday, March 2, 2013

तेरी आस........



धुआं-धुआं सी थी शाम
उजाले को नि‍गल गई कालि‍मा

अरमानों के दि‍ये को
ओट तो दे दो

कहीं बुझ न जाए तेरी आस
कि‍ बड़ी तेज हवा है......

तस्‍वीर--पंचघाघ के पास आज की शाम और नज़र मेरे कैमरे की..

6 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना

    क्या कहने



    नोट: अगर आपको रेल बजट की बारीकियां समझनी है तो देखिए आधा सच पर लिंक...
    http://aadhasachonline.blogspot.in/2013/02/blog-post_27.html#comment-form

    बजट पर मीडिया के रोल के बारे में आप TV स्टेशन पर जा सकते हैं।

    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/03/blog-post.html?showComment=1362207783000#c4364687746505473216

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  2. बहुत सुंदर रचना,,,,फोटो अच्छी लगी

    RECENT POST: पिता.

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  3. बढ़िया है आदरेया-
    शुभकामनायें-

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  4. सुहाने मौसम पर सुहानी लाइने

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