Monday, February 18, 2013

गुलाब और याद...



तेरी याद की उंगलिओं से
छू ली जो पंखुड़ियां गुलाब की
गिर पड़ी भरभरा कर सभी

देख अपनी तासीर...सोच मेरा क्या हाल है....

तस्‍वीर--मेरे कमरे के गुलदान में महक रहे गुलाब की

8 comments:

अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।