1.सहूलियत के हिसाब से रिश्ता निभाते हैं लोग
जब फुरसत होती है तभी बतियाते हैं लोग
जताते हैं उन सा अपना नहीं है कोई दूजा
किस्तों में ऐसे दुनियादारी निभाते हैं लोग.
2.न मिलो रोज हमसे, न बाटों हर गम व खुशी
न करो वादा अंतिम सांस तक निभाने का
है गुजारिश इतनी, जब तक रहो..पूरो रहो
ताकि जब जाओ, गम न हो यूं ही चले जाने का.
3.बन के दोस्त दिल में उतर जाते हो
फिर अपनी दोस्ती को ही आजमाते हो
सुनो...रिश्ते की डोर बड़ी नाजुक होती है
किसी और की बातों में क्यों आ जाते हो.
4.एक हम हैं कि इस डर से पलक भी नहीं झपकते
कि कहीं आंखों से ओझल न वो हो जाएं..
एक वो हैं कि हमसे नजरें बचाकर
पल भर में सारी दुनिया के नजारे देख आएं.
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteसहूलियत के हिसाब से रिश्ता निभाते हैं लोग
ReplyDeleteजब फुरसत होती है तभी बतियाते हैं लोग
जताते हैं उन सा अपना नहीं है कोई दूजा
किस्तों में ऐसे दुनियादारी निभाते हैं लोग.
...वाह! बहुत सुन्दर और सटीक...सभी क्षणिकाएं बहुत सुन्दर...आभार
बहुत सुन्दर ******^^^^^^*****एक हम हैं कि इस डर से पलक भी नहीं झपकते
ReplyDeleteकि कहीं आंखों से ओझल न वो हो जाएं..
एक वो हैं कि हमसे नजरें बचाकर
पल भर में सारी दुनिया के नजारे देख आएं. New Posts:kyon chal diye tum, and Chehra -chal
.वाह वाह,,बहुत सुन्दर और सटीक क्षणिकाएं,,,,
ReplyDeleterecent post हमको रखवालो ने लूटा
बेहद उम्दा. पहला वाला ज्यादा अच्छा लगा.
ReplyDeleteउत्कृष्ट क्षणिकाएं,,
ReplyDeleteअति उत्तम...
:-)
bahut khub, saty vachan
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ReplyDeleteदिनांक 17/12/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
प्यारी-प्यारी क्षणिकाएँ..
ReplyDeleteआपका पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteसुन्दर क्षणिकाएं |ब्लॉग पर आने हेतु आभार |
ReplyDeleteसारी क्षणिकाएँ बहुत अच्छी है ... इस क्षणिका की जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है।
ReplyDelete"न मिलो रोज हमसे, न बाटों हर गम व खुशी
न करो वादा अंतिम सांस तक निभाने का
है गुजारिश इतनी, जब तक रहो..पूरो रहो
ताकि जब जाओ, गम न हो यूं ही चले जाने का."
मेरी नई कविता आपके इंतज़ार में है : नम मौसम, भीगी जमीं ..
Prakruti ka sundar chitran aapki kavitao main , jyo bheesan garmi main sheetalta .
ReplyDeleteAdbhudh , apratim , abhinav prayash .
Shubhkamnaye......
Aapki rachna naiduniya main bhi padhi .
Rajesh Soni " Raj"
rajeshsoniraj.blogspot.com
बहुत बढ़िया...
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