रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Sunday, December 2, 2012
(((...रविवार की इत्मीनान वाली सुप्रभात दोस्तों...)))
सूरज ने पहना कुहासे का स्वेटर
और
हौले-हौले
बच्चों की तरह
कदम रख चल पड़ा है
आकाश के पथ पर
अपने सफर में
अब एक-एक कर खोलेगा वो
स्वेटर के सारे बटन
और
शर्माई सी धूप
गुनगुना उठेगी
खिलखिला उठेगी......
सुप्रभात रश्मि जी
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुती
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/11/3.html
waah kya baat hai
ReplyDeleteisase achi subah kanha hogi
ati sundar
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ,,,
ReplyDeleterecent post : तड़प,,,
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,
ReplyDeleterecent post : तड़प,,,
बहुत सुंदर
ReplyDeleteअच्छी रचना
वाह भावपूर्ण प्रस्तुति
ReplyDeleteअरुन शर्मा
www.arunsblog.in
सूरज ने पहना कुहासे का स्वेटर
और
हौले-हौले
बच्चों की तरह
कदम रख चल पड़ा है
वाह ....एक निराली सुबह
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