हर समाप्ति के बाद, एक नई शुरूआत होती है
मगर लागू कहां जीवन में मेरे यह बात होती है
जो पाया...गंवाया, सब मिले बिछड़ने के लिए
हो जिसकी उजली सहर, कहां वैसी मेरी कोई रात होती है
जब भी राहे-मंजिल को चले, कदम चौराहे पर ठिठके रहे
मनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.....।
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteसाधु-साधु
ReplyDeleteशुक्रवार के मंच पर, लाया प्रस्तुति खींच |
ReplyDeleteचर्चा करने के लिए, आजा आँखे मीच ||
स्वागत है-
charchamanch.blogspot.com
मनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.....।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति, सुंदर रचना,.....
MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
बहुत बढ़िया प्रस्तुति, सुंदर रचना,.....
ReplyDeleteMY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
पाना खोना शायद सब नसीब की बात होती है.......
ReplyDeleteसुंदर भाव,
मनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.....।
ReplyDeleteउड़ान के लिए पर जरूरी तो नहीं
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आज चार दिनों बाद नेट पर आना हुआ है। अतः केवल उपस्थिति ही दर्ज करा रहा हूँ!
मनचाहा आसमान पाना नसीब की भी बात होती है , यूँ तो हर इंसान में कोई ख़ास बात होती है !
ReplyDeleteजब भी राहे-मंजिल को चले, कदम चौराहे पर ठिठके रहे
ReplyDeleteमनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.
बात नहीं ख़ास कोई होती हैं ,है ये अपने अपने नसीब की बात होती है .
अच्छी प्रस्तुति .