Tuesday, November 15, 2011

प्रेम और चांद

उस रात
मेरी गलि‍यों में
चांदनी का डेरा था
दूधि‍या रौशनी ने
हर तरफ
अपना शबाब बि‍खेरा था
रात का था
तीसरा पहर
जब हुई थी दस्‍तक
मेरे दरवाजे पर.....
अधमुंदी आंखों से
देखा मैंने
धीमी-धीमी थपकि‍यों को
पहचाना मैंने
नहीं....वो झोंका नहीं था
मस्‍त बयारों का
ना ही
कोई भ्रम....
वो तुम थे
जो चांद से
पूछ रहे थे
मेरा पता....
जब देखा
चांद के बहाने तुमने
मेरे छत पर
चांदनी गुनगुना उठी
महमहा उठा
मेरे आंगन का मोगरा
और मैं
तेरे-मेरे बीच के
 फास्‍ले को
आंखो ही आंखों में लांघ्‍ कर
जा पहुंची
वहां....जहां
कदम थम जाते हैं
चलती है पुरवाईयां
और
प्रेम लेता है अंतहीन अंगड़ाइयां......।

10 comments:

  1. Fantastic, Fantabulas...behatarin abhibayakti jinhe aapne sabdo ke madhyam se darshaya hai apne blog main.........thanks for sharing

    ReplyDelete
  2. पता नहीं मेरी पहले की टिप्पणियां क्यूँ नहीं दिख रही हैं... फिर भी मैं अपना काम करता रहूँगा|| कमेंट्स देने का| :) वाकई बेहद अच्छा लिखती हैं आप | खूबसूरत एहसासों की खूबसूरत अभिव्यक्ति... कुल मिलकर एक और खूबसूरत रचना |
    सच कहूँ तो न जाने कितने एहसासात मेरे मन के भीतर भी जन्म लेकर वहीँ दफन हो गए | उन्हें मैं शब्दोँ के जाल में पिरोने में नाकाम रहा | काश, ये कला मुझमे भी होती!!
    अंत में .. एक और सुन्दर रचना के लिए -बधाई!!

    ReplyDelete
  3. बहुत खूबसूरत रचना.

    सादर

    ReplyDelete
  4. एक सुन्दर रचना सीलेपन सी नज़र आती है अंतर की दीवारों पर ... आपका लिखा हमेशा ऐसा ही होता है ... खुद से बहस शुरू हो जाती है ... खूबसूरत ... आशीर्वाद ...

    ReplyDelete
  5. भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ रश्मी जी.

    मेरी रचनाये पढने के लिए इस लिंक पे क्लिक कीजिये
    http://dilkikashmakash.blogspot.com/

    ReplyDelete
  7. आपकी इस उत्कृष्ट अभिव्यक्ति की चर्चा कल रविवार (27-04-2014) को ''मन से उभरे जज़्बात (चर्चा मंच-1595)'' पर भी होगी
    --
    आप ज़रूर इस ब्लॉग पे नज़र डालें
    सादर

    ReplyDelete
  8. वाह बेहद सुंदर भाव पूर्ण रचना . मैं आपकी रचनाओं की प्रशंशिका हूँ .कभी मेरे ब्लॉग पर भी आयें जहाँ आपको लघु कथा संसार मिलेगा .
    https://shortncrispstories.blogspot.in/2015/04/1.html

    ReplyDelete

अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।