Wednesday, July 6, 2011

वो

" ख्वाहि तो थी उनकी
कि हमारे करीब जाएं वो
मगर हमें ऐतबार था
कि दि में हमारे उतर जाएंगे वो
लम्हों के साथ को उन्होंने
उम्र भर का बंधंन बना डाला
अब तो आलम ये है कि लगता है
मेरे चेहरे के हर अक् में नजर आएंगे वो"

1 comment:

  1. बहुत ही उम्दा लिखती हैं आप रश्मि जी... मैं तो फैन बन गया आपका.. अब आपके ब्लॉग पर मेरा आना जाना लगा रहेगा.. मेरी सराहना स्वीकार करें..

    ReplyDelete

अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।