कि हमारे करीब आ जाएं वो
मगर हमें ऐतबार न था
मगर हमें ऐतबार न था
कि दिल में हमारे उतर जाएंगे वो
लम्हों के साथ को उन्होंने
उम्र भर का बंधंन बना डाला
अब तो आलम ये है कि लगता है
लम्हों के साथ को उन्होंने
उम्र भर का बंधंन बना डाला
अब तो आलम ये है कि लगता है
मेरे चेहरे के हर अक्स में नजर आएंगे वो"
बहुत ही उम्दा लिखती हैं आप रश्मि जी... मैं तो फैन बन गया आपका.. अब आपके ब्लॉग पर मेरा आना जाना लगा रहेगा.. मेरी सराहना स्वीकार करें..
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