रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
इस बात से भगवान हमें इसलिए दूर रखता है कि इसमें हमारी भलाई है!
... बहुत सुन्दर ... हमें वसीम बरेलवी साहब का एक शेर याद आ रहा है ...मैं उसका हो नहीं सकता ये मत बताना उसे लकीरें हाथ की अपने वो सबा जला लेगा रश्मि, आपने बहुत अच्छी बात कही है जो रास्ते में रोक रोक कर ध्यान बंटती है ...
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इस बात से भगवान हमें इसलिए दूर रखता है कि इसमें हमारी भलाई है!
ReplyDelete... बहुत सुन्दर ... हमें वसीम बरेलवी साहब का एक शेर याद आ रहा है ...
ReplyDeleteमैं उसका हो नहीं सकता ये मत बताना उसे
लकीरें हाथ की अपने वो सबा जला लेगा
रश्मि, आपने बहुत अच्छी बात कही है जो रास्ते में रोक रोक कर ध्यान बंटती है ...