अब नहीं आएगा वो....
तेज हवाओं से
कांपती बारिश की बूंदे
सड़क पर
बिखर पड़ी
छितराकर
उसी लैंप पोस्ट के नीचे
जहां
मरियल सी रोशनी
अब भी थरथरा रही है
सूनी सी बेंच
भीगकर उदास है
जानती हूं मैं
बारिश का ये मौसम भी
बीत जाएगा
मगर
अब नहीं आएगा वो
कभी नहीं आएगा वो.....
तस्वीर--साभार गूगल
बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : रावण जलता नहीं
विजयादशमी की शुभकामनाएँ.
bhawpurn ......
ReplyDeleteसुंदर रचना अभिव्यक्ति ... बधाई
ReplyDeleteदशहरा पर्व पर हार्दिक बधाई शुभकामनाएं
जी रश्मि जी ... निराशा तो होती है ये जीवन है सब कुछ सहने की आदत पड़ ही जाती है
ReplyDeleteअच्छी कल्पना सुन्दर रचना
जय श्री राधे
भ्रमर ५