
जाओ....
किया वादा
न देंगे कभी
पीछे से आवाज तुम्हें
रोएंगे....... तड़पेंगे
सुलगते रहेंगे उम्र भर मगर
न दिखाएंगे कभी
अपने आंसू तुम्हें......
जानती हूं
मेरे न होने का दुख
तुम्हें भी थोड़ा होगा
मगर
तुम संभल जाओगे
भूल जाओगे कि
कोई था जिंदगी में
जिसकी
सुबह तुमसे होती थीं
और रातें
तुम पर ही खत्म
अब
न देंगे दस्तक कभी
तुम्हारे दिल के दरवाजे पर
चाहे उम्र भर बैठी रहूं
इस इंतजार में
कि एक दिन तो समझोगे मुझे
और....मेरे प्यार को
कभी न खत्म होने वाले
मेरे इंतजार को
तब
आओगे मेरे पास
थामोगे मेरा हाथ
पहचानोगे मेरा मोल
मगर तब तक
बहुत देर हो चुकी होगी
इतनी कि
चाहकर भी
फास्लों को न मिटा पाएंगे हम
मगर भी
वादा है तुमसे
जाओ
न देंगे कभी
पीछे से आवाज तुम्हें.........।
सुन्दर ढंग से मन ने खुद से ही बतिया लिया है ...
ReplyDeleteआपकी यह रचना पढ़ कर एक पूराना गीत याद आगया।
ReplyDeleteचाहूँगा मैं तुझे साँझ, सवेरे फिर भी अब कभी नाम को तेरे आवाज मैं ना दूंगा .....
nice पोस्ट
समय मिले कभी तो आयेगा मेरी भी पोस्ट पर आपका स्वागत है।
http://mhare-anubhav.blogspot.com/
प्यार में जिद अच्छी नहीं होती , अच्छे भाव सुंदर रचना , बधाई
ReplyDeleteप्यार में जिद अच्छी नहीं होती , अच्छे भाव सुंदर रचना , बधाई
ReplyDeleteएक मानिनी सी लड़की ऎसी ही होती है न ... तुम भी तो मानिनी हो ... बहुत अच्छा लिखा है ... लिखती रहो ... प्यार और आशीर्वाद ...
ReplyDeletebaap re.....aisi vidaayi.....bhagvaan naa kare....koi kisi ko de.....!!!
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