Saturday, August 31, 2013

कह दो दि‍ल की बात...


कह दो सारी
दि‍ल की बात

रोको नहीं
अपने जज्‍बात

एहसास को मि‍लेंगे शब्‍द तो
नज्‍म़ होठों तक आ जाएंगे
एक नया पैरहन पहन
लयबद़ध सांसें
चुपके से मुझको
दि‍ल की बात कह जाएंगे
रूह जख्‍मी सही
रात काली सही
ख्‍़वाबों की ति‍तलि‍यां एक दि

आंखों से जमीं पर उतर जाएंगी...

10 comments:

  1. आपकी यह रचना आज रविवार (01-09-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

    ReplyDelete
  2. रूह जख्‍मी सही
    रात काली सही
    ख्‍़वाबों की ति‍तलि‍यां एक दिन
    आंखों से जमीं पर उतर जाएंगी
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ .

    कोलाज जिन्दगी के : अगर हम जिन्दगी को गौर से देखें तो यह एक कोलाज की तरह ही है. अच्छे -बुरे लोगों का साथ ,खुशनुमा और दुखभरे समय के रंग,और भी बहुत कुछ जो सब एक साथ ही चलता रहता है.
    http://dehatrkj.blogspot.in/2013/09/blog-post.html

    ReplyDelete
  3. सुन्दर प्रस्तुति-
    शुभकामनायें आदरणीया-

    ReplyDelete
  4. ख्‍़वाबों की ति‍तलि‍यां एक दिन
    आंखों से जमीं पर उतर जाएंगी.

    बहुत खूबसूरत

    ReplyDelete
  5. एहसास को मि‍लेंगे शब्‍द तो
    नज्‍म़ होठों तक आ जाएंगे
    एक नया पैरहन पहन....बहुत खूबसूरत
    latest post नसीहत

    ReplyDelete
  6. बेह्तरीन अभिव्यक्ति …!!शुभकामनायें.
    http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
    http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

    ReplyDelete
  7. बहुत खूबसूरती से एहसास पिरोये हैं ...
    ख़्वाबों को ज़मीन बयाँ करने से ही मिलती है ...

    ReplyDelete
  8. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  9. एहसास को मिलेंगे शब्द
    तो नज्म होंठों तक आ जायेगी ....
    .....अत्यन्त खूबसूरत अल्फाज़

    ReplyDelete

अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।