Friday, December 23, 2011
स्मृति लौ
मेरे जीवनदीप में
सम्मिलित है
तुम्हारे स्नेह की
अमूल्य निधि
मैं
जिंदगी भर तुम्हारी
स्मृति लौ जलाती रहूंगी...
समेटा है मुठ़िठयों में
क्षण भर का सुख
जिसकी मीठी यादों तले
मैं
जिंदगी भर तुम्हारी
स्मृति लौ जलाती रहूंगी...
मेरी जिंदगी की किताब में
जो रह गए खाली पन्ने
वो धरोहर हैं तुम्हारे
मैं
जिंदगी भर तुम्हारी
स्मृति लौ जलाती रहूंगी...
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2 comments:
Extraordinary lines.......with true feelings
भोले से मन
जला रहें हैं
इक दूजे को...
कब टूटेगा
बहुत पुराना
एक सिल्सिला
भोला ये मन
इक दूजे की
जलन हरेगा
कब ... आखिर कब ...
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